
सुल्तानपुर। वर्षो से विवादों में चल रहे बाबा सहज़राम आश्रम की ऐतिहासिक धरोहरे अब सुरक्षित नहीं हैं। सैकड़ों वर्ष पुरानी राजशाही बग्घी का सौदा कर डाला गया। जानकारी होने पर श्री महंत धर्मेद्र दास ने बुधवार को पुलिस विभाग के आलाधिकारियों को फोन घुमाया तो हड़कंप मच गया। सक्रिय हुई बंधुआकला थाने की पुलिस ने कुछ ही घंटों में सोमवार को बेची गई बग्घी को पुन:मंगवा कर आश्रम रखवा दिया है। हालांकि, इस बाबत बंधुआकला थानाध्यक्ष विजय सिंह ने बताया कि पूछताछ में आश्रम में मौजूद जीतू बाबा ने बताया कि बग्घी काफ़ी पुरानी है। वर्तमान में इसका उपयोग नहीं है। इसे बनवाने के लिए कहीं भेजा गया था। शिकायत के बाद बग्घी मंगवा कर आश्रम में सुरक्षित रखवा दी गई है।
जाने कितनी पुरानी है बग्घी
सुल्तानपुर। श्री महंत धर्मेंद्र दास ने बताया कि राजशाही बग्घी बाबा सहजराम के ज़माने की है। कहीं आने जाने में बाबा इसी बग्घी की सवारी किया करते थे। चंदन की लकड़ी से निर्मित राजशाही बग्घी क़ो खींचने के लिए आठ घोड़े लगते थे। यह बग्घी सैकड़ों वर्ष पुरानी और बाबा की निशानी है।