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पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व उनके समर्थकों के खिलाफ लगे धोखाधड़ी कर सरकारी धन की निकासी करने के मामले में पुलिस की फाइनल रिपोर्ट एमपी-एमएलए कोर्ट ने की रद्द।

पुलिस की सतही तफ्तीश से कोर्ट नहीं हुई संतुष्ट।

सुलतानपुर। पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व उनके समर्थकों के खिलाफ लगे धोखाधड़ी कर सरकारी धन की निकासी करने के मामले में पुलिस की फाइनल रिपोर्ट एमपी-एमएलए कोर्ट ने की रद्द। एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट रद्द कर अग्रिम विवेचना का दिया आदेश। पुलिस की सतही तफ्तीश से कोर्ट नहीं हुई संतुष्ट। सिग्नेचर वेरिफिकेशन सम्बंधी साक्ष्य संकलित करने में विवेचक कमलेश दूबे की लापरवाही आई सामने

 

धनपतगंज थाना क्षेत्र के मायंग निवासी पूर्व प्रधान रामदेव निषाद ने 25 जून 2022 को पूर्व विधायक चंद्रभान सिंह सोनू व उनके समर्थक सूर्य प्रकाश सिंह अंशू, रोशन सिंह,उदय प्रताप यादव, हृदयराम यादव, तत्कालीन सेक्रेटरी प्रदीप सिंह के खिलाफ दर्ज कराया था धोखाधड़ी का मुकदमा। ग्राम विकास कार्य के लिए आये धन को फर्जी सिग्नेचर बनाकर निकासी करने का लगा था आरोप। धनपतगंज थाने में तैनात रहे उप निरीक्षक कमलेश दूबे को मिली थी प्रकरण की तफ्तीश। एसआई कमलेश दूबे के जरिये पूर्व विधायक व उनके समर्थकों के अनुचित प्रभाव में उन्हें क्लीन चिट देते हुए कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का लगा है आरोप। दाखिल फाइनल रिपोर्ट पर वादी मुकदमा रामदेव निषाद ने अपने अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय के माध्यम से दी थी प्रोटेस्ट अर्जी

बीते माह जनवरी 2024 से लम्बित थी प्रोटेस्ट अर्जी पर सुनवाई। एमपी-एमएलए कोर्ट ने प्रोटेस्ट अर्जी पर बहस सुनकर आदेश किया था सुरक्षित,कल कोर्ट का आदेश आया सामने। बताये गये धोखाधड़ी के अपराध में वादी रामदेव निषाद व अन्य के सिग्नेचर वेरिफिकेशन सम्बन्धी साक्ष्य जुटाने में विवेचक की घोर लापरवाही आई सामने। घटना से जुड़े सभी बिंदुओं पर बिना ढंग से जांच किये व बिना महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए ही दरोगा ने लगा दी थी फाइनल रिपोर्ट। कोर्ट के आदेश पर होने वाली आगे की जांच में क्या है मामले की असल सच्चाई,आ सकती है सामने।

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