
सुल्तानपुर – सदर तहसील समाधान दिवस के दौरान दस्तावेज लेखकों ने तहसील कर्मियों की मनमानी और कार्य में उदासीनता का मुद्दा जोरशोर से उठाया। बैनामा रजिस्ट्री होने के बाद महीनों तक दाखिल-खारिज प्रक्रिया को लंबित रखने की शिकायत करते हुए उन्होंने तहसील प्रशासन को मांग पत्र सौंपा। दस्तावेज लेखकों का आरोप है कि तहसील कर्मी मनमाने ढंग से काम करते हैं, जिससे आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इस समस्या की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की। साथ ही, कृषि योग्य जमीनों के नामांतरण की प्रक्रिया को समयबद्ध किए जाने की भी मांग उठाई गई।
समाधान दिवस में एक बुजुर्ग ने नाली निर्माण की समस्या को उठाते हुए बताया कि वह पिछले 11 वर्षों से अपनी समस्या के समाधान के लिए भटक रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी दौरान एक दिव्यांग भी अपनी शिकायत लेकर पहुंचा, जिसमें उसने बताया कि वरासत में उसका नाम गलत दर्ज कर दिया गया है, जिससे उसे काफी परेशानी हो रही है।
इसी बीच धनपतगंज इलाके में नाबालिग लड़की के अपहरण का मामला भी सुर्खियों में रहा। पीड़ित परिवार ने शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पखवाड़े भर बीत जाने के बावजूद पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, जिले के एक जनप्रतिनिधि पर राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से अरबों की जमीन में हेरफेर करने का आरोप भी सामने आया है, जिसे लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का दौर जारी है।
समाधान दिवस में डीएम कुमार हर्ष फरियादियों की समस्याएं सुन रहे थे, इसी दौरान अयोध्या-प्रयागराज और लखनऊ-वाराणसी मार्ग पर लगने वाले जाम की समस्या पर भी चर्चा हुई। डीएम लगातार मोबाइल पर निर्देश देते रहे, लेकिन अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर जाम की स्थिति जस की तस बनी रही। दर्शनार्थियों की व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुंवर अनुपम सिंह के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। समाधान दिवस में सीडीओ अंकुर कौशिक, सीएमओ ओपी चौधरी, एसडीएम सदर विपिन द्विवेदी, सूचना अधिकारी धीरेंद्र यादव, तहसीलदार हृदय राम तिवारी समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।