राजनीति

लोकसभा में धर्मेंद्र प्रधान ने ऐसा क्या कहा, जो भड़के CM स्टालिन? बोले- ‘जबान पर लगाम लगाओ’

लोकसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ एमओयू साइन करने के लिए राजी हो गई थी लेकिन अब उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया है.

MK Stalin On Dharmendra Pradhan: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार (10 मार्च, 2025) को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘अहंकारी’ बताया.  इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु सरकार को ‘बेईमान’ बताया था.

लोकसभा में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु में पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया स्कीम (PM SHRI) के मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और प्रदेश सरकार को ‘बेईमान’ बताया. प्रधान ने कहा कि एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है.

एमके स्टालिन ने प्रधान को बताया अहंकारी राजा
इस मामले को लेकर एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर तमिल में पोस्ट कर धर्मेंद्र प्रधान को अहंकारी बताया. स्टालिन ने लिखा, ‘वो (धर्मेंद्र प्रधान) किसी अहंकारी राजा की तरह बात कर रहे थे और ऐसा करके उन्होंने तमिलनाडु के लोगों की बेइज्जती की है उन्हें बतौर केंद्रीय मंत्री अनुशासित व्यवहार करना चाहिए’. उन्होंने आगे लिखा, ‘वो खुद को राजा समझते है और अहंकारी लोगों की तरह बात करते हैं उन्हें अपनी जुबान पर लगाम लगानी चाहिए’.

बच्चों के मामले में राजनीति कर रही तमिलनाडु सरकार
लोकसभा में पीएम एसएचआरआई स्कीम को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते हुए धर्मेंद प्रधान ने कहा, ‘डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजना के कार्यान्वयन पर अपना रुख बदल दिया है, जिसमें केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों की ओर से प्रबंधित स्कूलों को मजबूत करने की परिकल्पना की गई थी’.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान ने कहा, ‘तमिलनाडु सरकार इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के साथ एमओयू साइन करने के लिए राजी हो गई थी लेकिन अब उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया है जबकि कई गैर बीजेपी शासित राज्य जिनमें कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश भी शामिल हैं उन्होंने ये एमओयू साइन किया है’. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘तमिलनाडु सरकार बेईमान है और बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रही है. ये लोग इसमें भी राजनीति कर रहे हैं’.

तमिलनाडु सरकार ने इस एमओयू को लेकर चिंता जाहिर की है. केंद्र सरकार के साथ एमओयू साइन होने के बाद नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत काम करना होगा और केंद्र सरकार राज्यों को फंड उपलब्ध करवाएगी.

 

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