गेहूं की फसल बना बहाना,10 फीट जमीन के लिए चलीं अपनों पर गोलियां, बिछ गईं दो लाशें
सुल्तानपुर डबल मर्डर में चौंकाने वाला खुलासा

सुल्तानपुर. उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में पूर्व प्रधान सत्य प्रकाश यादव और उनके पिता काशीराम यादव की हत्या उनके छोटे भाई अजय यादव ने कर दी. अजय ने सत्य प्रकाश को 5 और उनके पिता को 3 गोलियां मारी. इस हत्याकांड के पीछे 10 फीट जमीन का विवाद और सत्य प्रकाश की बढ़ती राजनीतिक प्रतिष्ठा को खत्म करने की साजिश थी.
घटना जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के पास सहरी गांव में हुई. सत्य प्रकाश चार भाइयों में सबसे बड़े थे. उनके छोटे भाई अजय, विजय और सत्येंद्र हैं. बहनों की शादी हो चुकी है और सत्येंद्र की शादी के लिए लोग चार दिन पहले ही आए थे. रविवार रात 8:30 बजे सत्य प्रकाश जब घर जा रहे थे, तब नहर के पास अजय ने उन्हें ओवरटेक कर 5 गोलियां मारीं. इसके बाद अजय घर पहुंचा और सत्य प्रकाश के घर पर फायरिंग की. परिवार ने डरकर गेट बंद कर लिया. उसी समय अजय के पिता उसे समझाने आए, तो अजय ने उन्हें भी 3 गोलियां मार दीं. इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया.
बेटी ने चाचा के खिलाफ दी तहरीर
सोमवार दोपहर बाद शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचा तो फिर से कोहराम मच गया. पिता-पुत्र का अंतिम संस्कार घर से चंद कदम की दूरी पर बाग में किया गया. बेटी सृष्टि यादव ने पुलिस को चाचा अजय के खिलाफ नामजद तहरीर दी है. बेटे रितेश ने भी पुलिस में तहरीर दी है, जिसमें अजय यादव, राजेश सिंह, संतराम शुक्ला, राजदेव सिंह और श्याम सिंह का नाम है. पुलिस ने अजय की पत्नी और बच्चों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है.
जांच में जुटी आधा दर्जन टीमें
एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि अयोध्या समेत आधा दर्जन पुलिस की टीमें मामले की जांच में लगी हुई हैं. अब तक 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि बेटी की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है. सहरी गांव में घटना के दूसरे दिन सन्नाटा पसरा हुआ है. सत्य प्रकाश के घर पर परिवार की महिलाएं रो रही हैं, जबकि गांव और रिश्तेदारी से आई महिलाएं उन्हें समझा रही हैं. जगह-जगह घरों के बाहर बैठी महिलाएं घटना पर चर्चा कर रही हैं. उनका कहना है कि ऐसा कलयुग आ गया है कि अब भाई-भाई और बाप-बेटे सब जमीन के कुछ हिस्से के लिए खून के प्यासे हो गए हैं.
बढ़ता राजनीतिक रसूख बना मौत की वजह
सत्य प्रकाश 2016 में जूड़ा पट्टी ग्राम सभा से प्रधान चुने गए थे. अपने व्यक्तित्व के बल पर उन्होंने कम समय में ही क्षेत्र में अपना दबदबा बना लिया. इसके बाद हुए चुनाव में उनकी सीट एससी हो गई, लेकिन उन्होंने अपने बल पर रामजी को चुनाव जितवा दिया. सत्य प्रकाश की बढ़ती राजनीतिक प्रतिष्ठा उनके विरोधियों और क्षेत्र के बड़े राजनीतिक लोगों को अखरने लगी. ऐसे में उन्हें किनारे लगाने के लिए राजनीतिक घराने के लोगों ने घर में ही हत्यारे को तैयार किया.
10 फ़ीट जमीन के लिए बिगड़ी बात
अजय यादव सोनीपत में रहकर बेकरी का काम करता था. करीब डेढ़ साल पहले वह गांव लौटा और फिर वापस नहीं गया. इस बीच सत्य प्रकाश ने हाईवे पर 10 फीट की जमीन पत्नी सुमित्रा देवी के नाम खरीदी, जो सफाई कर्मी के पद पर तैनात हैं. जमीन की कीमत 15 से 20 लाख है. अजय भी बगल की 10 फीट जमीन खरीदना चाहता था, लेकिन सत्य प्रकाश ने उसकी न सुनकर गांव के एक अन्य व्यक्ति को जमीन दिलवा दी. इसके पीछे सत्य प्रकाश का मकसद वोट बैंक मजबूत करने का था.
अजय ने कहा था- गिरेंगी दो-तीन लाशें
इस छोटी सी बात ने दोनों भाइयों में अदावत पैदा कर दी. अजय के दिल में बदले की आग जलने लगी. इस आग में घी डालने का काम दोनों के साथ रहने वाले लोगों ने किया, जो उन्हें चढ़ाते रहते थे. अजय थोड़ा गुस्सैल था. दिसंबर 2024 में उसने गांव के महेश को पीट दिया, जो सत्य प्रकाश का आदमी था. सत्य प्रकाश ने भाई अजय के खिलाफ थाने में शिकायत की. पुलिस ने अजय को पकड़ा, लेकिन एक माननीय के दबाव में सुलह हो गई. स्थानीय लोगों के अनुसार, उसी समय अजय ने पुलिस के सामने कहा था कि दो-तीन लाशें एक साथ गिरेंगी.
पुलिस ने धमकी को किया नजर अंदाज-
लेकिन पुलिस ने इस धमकी को नजरअंदाज कर दिया. अजय का कहना था कि महेश हमारी मुखबिरी करता है और हमारी बातें भाई को बताता है, इसलिए हमने उसे मारा. मृतक सत्य प्रकाश की बेटी सृष्टि ने बताया कि उनके पिता ने हमेशा चाचा की मदद की. पिता ने चाचा को हर चीज दिलाई. अब 15-16 घंटे हो गए हैं, लेकिन हमें इंसाफ की बू नहीं मिल रही. सत्य प्रकाश के पास पैतृक 13 बीघे जमीन है. उन्होंने स्वयं एक बीघा जमीन अलग से खरीदी, जो मां और पिता के नाम है. मृतक सत्य प्रकाश के दो पुत्र रितेश (20) और कृष्णा (16) के अलावा एक बेटी सृष्टि (18) है. वहीं, आरोपी अजय की पत्नी सुनीता और दो बच्चे हैं.