यूपी

फाइनेंशियल बिल के खिलाफ पेंशनर्स और शिक्षकों में आक्रोश, सौंपा ज्ञापन।

सुल्तानपुर। केंद्र सरकार ने संसद में पारित वित्त विधेयक 2025 में किए गए पेंशन से जुड़े नियमों में संशोधन को लेकर पेंशनर्स, शिक्षकों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। विरोध में मंगलवार को तिकोनिया पार्क में सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन तथा उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ, सुल्तानपुर शाखा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष घनश्याम श्रीवास्तव ने की।

धरना में प्राथमिक शिक्षक संघ और माध्यमिक शिक्षक संघ ने भी सहभागिता करते हुए फाइनेंशियल बिल 2025 को पेंशनर्स और शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात बताया। श्रीवास्तव ने बताया कि इस विधेयक में किए गए बदलावों के कारण 31 दिसंबर 2025 तक सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनर्स का पेंशन पुनरीक्षण नहीं किया जाएगा। साथ ही जुलाई 2024 से कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिल चुका है लेकिन पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत का आदेश लगभग दस दिन बाद जारी किया गया। 1 जनवरी 2025 से देय 2 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किस्त भी तीन महीने की देरी से जारी की गई।

धरने के दौरान वक्ताओं ने पांच सूत्रीय मांगें रखते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। प्रमुख मांगों में पेंशनरी नियमों में हुए संशोधनों को निरस्त करना, आठवें वेतन आयोग का गठन कर उसमें पेंशन पुनरीक्षण को शामिल करना, पेंशनर्स की पेंशन और राहत की तिथि को कर्मचारियों के समान बनाना, डी-लिंकिंग समाप्त करना, और ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) की बहाली शामिल हैं। इसके साथ ही पेंशन के राशिकरण की अवधि 15 से घटाकर 10 वर्ष करने की मांग की गई।

माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि यह विधेयक सेवारत और सेवानिवृत्त शिक्षकों के बीच भेदभाव करता है, जो अब तक के वेतन आयोगों में नहीं हुआ। उन्होंने इसे शिक्षकों और कर्मचारियों को बांटने का प्रयास बताया।

शिक्षक महासंघ/ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप पांडेय ने धरने को संबोधित करते हुए आवाहन किया कि समय आ गया है पुरानी पेंशन के लिए लड़ने वाले पुरानी पेंशन बचा ने के लिए लड़ाई में जुट जाए अन्यथा वह दिन दूर नहीं है जब पुरानी पेंशन ही समाप्त कर दी जाएगी।विनय सिंह,हृषिकेश भानु सिंह,निजाम खान, अशोक कुमार, विनय कुमार सिंह, अनिल यादव, वीरेंद्र नारायण मिश्रा, राम बहादुर मिश्रा सहित अनेक पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे।

धरना-प्रदर्शन के बाद यह कार्यक्रम जुलूस में परिवर्तित हो गया और जिला मुख्यालय पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट विदुषी सिंह को ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने ज्ञापन को सक्षम स्तर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। धरने में भारी संख्या में शिक्षक, पेंशनर्स और कर्मचारी उपस्थित रहे और “हमारी मांगे पूरी हो चाहे जो मजबूरी हो” जैसे नारों के साथ विरोध दर्ज कराया गया।धरना में इंद्रभूषण पाण्डेय, प्रवक्तानिजाम खान ,प्रशांत पाण्डेय,विनोद यादव,उदय भान सिंह,जगत पाल मिश्रा, अंजनी शर्मा,विजय प्रताप यादव,वीरेंद्र प्रताप सिंह,केदारनाथ दुबे,धीरेंद्र राव,आशुतोष पाण्डेय,बिमलेश कुमार,राज कुमार,हेमंत यादव,बृजेश सिंह, मुहम्मद मुज्तबा अंसारी,अखिलेश सिंह, भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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