सीजेएम नवनीत सिंह की अदालत ने एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष जांच करने का दिया आदेश
सुलतानपुर। कोतवाली देहात के निरीक्षक अखण्डदेव मिश्र व थाना प्रभारी के जरिये विवाहिता को मौत के घाट उतारने के आरोपियों को संरक्षण देने का मामला आया सामने। सीजेएम कोर्ट के आदेश के 24 दिन बाद भी आरोपियो पर एफआईआर न दर्ज करने का है आरोप। बीते 17 मई को सीजेएम नवनीत सिंह की अदालत ने एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष जांच करने का दिया था आदेश। आरोपी पति समेत तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने व निष्पक्ष जांच का हुआ है आदेश। कोतवाली देहात थाना प्रभारी अखण्ड देव मिश्र के जरिये इतने गम्भीर मामले में तहरीर मिलने के बाद भी एफआईआर न करने पर मृतका के भाई ने ली थी कोर्ट की शरण। कोर्ट ने 13 जून के लिए थाना प्रभारी से किया है जवाब-तलब।
अभियोगी महताब शेख के आरोप के मुताबिक करीब 13 वर्ष पूर्व उसकी बहन साफिया बानो की कोतवाली देहात थाना क्षेत्र स्थित छतौना निवासी आरोपी जुनैद अहमद उर्फ अत्तन के साथ हुई थी शादी। जौनपुर जिले के सिंगरामऊ थाना क्षेत्र स्थित बहरीपुर निवासी महताब शेख के मुताबिक पति जुनैद का अपने भाभी के साथ ज्यादा रहता था लगाव,जिसको लेकर अक्सर होता था विवाद। घटना के पहले सऊदी अरब से आये जुनैद ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर साफिया बानो के साथ किया था विवाद और सबक सिखाने की दी थी धमकी। आरोप के मुताबिक शादी के करीब 13 साल बाद साफिया हुई थी प्रेग्नेंट,लेकिन जुनैद व उसकी भाभी नहीं दिख रहे थे खुश। आरोप के मुताबिक साफिया के बच्चा न पैदा होने के बारे में बात होने पर आरोपी साईबा बानो अपनो बच्चों को गोद लेने की कहती थी बात।