डॉ. सुमन प्रसाद मौर्य हुई सेवानिवृत्त…कुलपति डा. बिजेन्द्र सिंह ने बुके, अंगवस्त्र , राम चरित मानस, स्मृतिचिन्ह के रुप में रामदरबार भेंट की

कुमारगंज – आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के डॉ. सुमन प्रसाद मौर्य, प्रोफेसर (मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन), 62 वर्ष की अधिवर्षता पूर्ण होने एवं सत्रास लाभ के बाद 30 जून 2025 को सेवानिवृत्त हो गयी। शिक्षक विदाई समारोह 2025 में विश्वविद्यालय की तरफ से माननीय कुलपति डा. बिजेन्द्र सिंह ने बुके, अंगवस्त्र , राम चरित मानस, स्मृतिचिन्ह के रुप में रामदरबार भेंट की। ज्ञात हो कि प्रो. सुमन 1981 में लेडी इरिविन हायर सेकेंडरी स्कूल दिल्ली से 10+2 (सीबीएसई दिल्ली), 1984 में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से बी.एससी.( गृह विज्ञान), श्री अविनाशीलिंगम महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा संस्थान, (भारतीया विश्वविद्यालय कोयंबटूर, तमिलनाडु ) से वर्ष 1986 में एम.एससी. (गृहविज्ञान ) बाल विकास एवं पारिवारिक अध्ययन) में शिक्षा ग्रहण किया। तदुपरांत वर्ष 1986 में सेवा में आने के बाद वर्ष 1993 में एम.फिल., वर्ष 1998 में पी.एच.डी, श्री अविनाशीलिंगम महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा संस्थान, (डीम्ड विश्वविद्यालय) कोयंबटूर, तमिलनाडु से डिग्री प्राप्त किया।
प्रोजेक्ट इनवेर्सटेगेटर के रूप में एन.आई.पी.सी.सी.डी, नई दिल्ली में नवंबर 1986 से दिसंबर 1986 तक, प्रशिक्षक, डी.डब्ल्यू.सी .आर.ए. कार्यक्रम के पद पर कृषि विज्ञान केन्द्र, के.एन.आई सुल्तानपुर में जनवरी 1987 से 4 मई 1987 तक कार्य करने के बाद सहायक प्रोफेसर( गृह विज्ञान) के पद पर 5 मई1987 को आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या में आयी, एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर 27.जून 1998 से 29 अक्टूबर 2005 तक ,प्रोफेसर के पद पर 30अक्टूबर 2005 से 10 फरवरी 2006 तक , रहने के बाद लियन पर 11फरवरी .2006 से 3 फरवरी 2009 तक प्रोफेसर के पद पर
गोविन्द बल्भ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर ऊधमसिंह नगर उतराखंड में चयनित होने के बाद रही। पुनः 4 फरवरी 2009 को आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या वापस आ गई क्योंकि इनके पति डा. रवि प्रकाश मौर्य यहां प्रोफेसर (कृषि कीट विज्ञान)/ वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे, जो नवम्बर 2021 में सेवानिवृत्त हुए। 37 वर्षो की सेवा के दौरान डा. सुमन विभिन्न पदों पर कार्यरत रही है जिसमें प्रमुख पद डीन ,होम साइंस, डीन पी.जी.एस., अध्यक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम, हास्टल वार्डन गोमती-निरंजना और राप्ती पीजी छात्रावास, अनुशासन समिति के सदस्य, शिक्षा नीति, एच.डी.एफ.एस विभागाध्यक्ष, टेक्सटाइल और परिधान डिजाइन विभागाध्यक्ष , गृह विज्ञान समन्वयक आदि रही। सेवा के दौरान स्नातक, स्नातकोत्तर, पी.एच.डी छात्रों को शिक्षण के साथ साथ 20 स्नातकोत्तर, 2 पी.एच.डी.छात्र/ छात्राओं का मार्गदर्शन किया। इनके द्वारा पढ़ाये हुए छात्र/ छात्राएं विभिन्न संस्थानों में वैज्ञानिक, प्रोफेसर, विषय बस्तु विशेषज्ञ , अध्यापक आदि के पदों पर कार्यरत है। प्रकाशन में मुख्य रूप से शोध पत्र- 45, पुस्तक/पुस्तक अध्याय/मैनुअल -20, प्रचलित लेख/ तकनीकी बुलेटिन -50 आदि प्रकाशित है। इन्हें यू.जी.सी./ आईसीएआर फैलोशिप, पुरस्कार, सम्मान आदि 15 प्राप्त है। 14 विभिन्न सोसायटी, एशोसिएशन की सदस्य है। प्रोफेसर रवि सुमन कृषि एवं ग्रामीण विकास (प्रसार्ड) ट्रस्ट मल्हनी, भाटपार रानी देवरिया की मुख्य ट्रस्टी है। इन्होंने अपने जी.पी.एफ. की धनराशि से ट्रस्ट भवन का निर्माण कराया है। जो सेवानिवृत्त के बाद अपने पति के साथ कन्धा से कन्धा मिला कर अपने अनुभवों से ट्रस्ट के माध्यम से ग्रामीण, कृषि एवं सामुदायिक विकास में विशेष कर महिला शसंक्तिकरण में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। आज अंतिम दिन प्रो .सुमन के आफिस से सायं आवास पर पहुंचने पर उनके पति प्रो. रवि ने उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया।